लेखनी प्रतियोगिता -08-Mar-2023 "वही ख़्वाब हो मेरा "
"वही ख़्वाब हो मेरा"
पहली सांस से लेकर आख़री सांस तक,
धड़कता है जो सीने में,
वही रफ़्तार हो मेरी....
तसव्वुर में जो रहती हो,
रात दिन मेरी आँखों में,
वही खूबसूरत सा ख़याल हो मेरा....
जहाँ देखूं जिधर देखूं,
बनी तस्वीर यादों की,
वही खुशनुमा ख़्वाब हो मेरा.....
महकता हूँ जो मैं चंदन सा,
तेरे बदन की खुशबू से,
वही नाज़ुक महकता सा, गुलाब हो तुम मेरा....
मधु गुप्ता "अपराजिता"
अदिति झा
09-Mar-2023 06:24 PM
Nice 👌
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Alka jain
09-Mar-2023 04:29 PM
Nice 👍🏼
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Madhu Gupta "अपराजिता"
09-Mar-2023 06:19 PM
Thank you mam🙏🙏
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Madhu Gupta "अपराजिता"
09-Mar-2023 02:20 PM
आप सभी का तह दिल से शुक्रिया 👌👌😊😊
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